दुखियों के साथी गरीबों के मसीहा
मिलने की तमन्ना है जरा दीदार हो जाए
बिगड़ी बनानेवाला घर को सजानेवाला
झोली में कुछ डालदेना की बहार हो जाए
आयें है तेरे दर पे तो खाली नहीं है जाना
कुछ साथ ले जाने का करम हर बार हो जाए
दुखियों के साथी गरीबों के मसीहा
मिलने की तमन्ना है जरा दीदार हो जाए
दिल छोड़ तेरे दर पे अब मुझको पड़ेगा जाना
करम कर , के यहाँ आना बारम्बार हो जाए
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