Thursday, October 14, 2010

गरीब नवाज



दुखियों के साथी गरीबों के मसीहा
मिलने की तमन्ना है जरा दीदार हो जाए

बिगड़ी बनानेवाला घर को सजानेवाला
झोली में कुछ डालदेना की बहार हो जाए

आयें है तेरे दर पे तो खाली नहीं है जाना
कुछ साथ ले जाने का करम हर बार हो जाए

दुखियों के साथी गरीबों के मसीहा
मिलने की तमन्ना है जरा दीदार हो जाए

दिल छोड़ तेरे दर पे अब  मुझको पड़ेगा जाना
करम  कर , के यहाँ आना बारम्बार हो जाए




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