Saturday, October 31, 2015

सहादत-ऐ -हुसैन




हम न भूलेंगे सहादत हुसैन की
वो खिताबत हुसैन की वो तिलावत हुसैन की

प्यास की सिद्दत में भी मैदान को न छोड़ा
लड़ते रहे बढ़ते रहे अली के दुलारे

हम याद रखेंगे वो करामत हुसैन की
हम न भूलेंगे मुहब्बत हुसैन की

पढ़ते रहो कलमा लगाओं जोर से नारा
इस्लाम जिन्दा होता ही हर कर्बला के बाद

लखते जिगर थे फातमा नबी के दुलारे
हम न भूलेंगे सखावत हुसैन की

वो जंग के मैदान में भी नमाजें नहीं छोड़ी
हम न भूलेंगे इबादत हुसैन की


हम न भूलेंगे सहादत हुसैन की 
वो खिताबत हुसैन की वो तिलावत हुसैन की