Friday, August 31, 2012

Sehari




जागो जागो रब के प्यारे रात थोरी रह गई
झिलमिलाते है सितारे रात थोरी रह गई

उठो उठो बिस्तर चोरो दूर अब सुस्ती करो
गर जो की अब लापरवाही नींद फिर आ जाएगी


वक़्त निकल जायेगा तब देर फिर हो जाएगी
जागो जागो रब के प्यारे रात थोरी रह गई

उठो उठो बिस्तर छोरो  वक़्त शहरी हो चला
झिलमिलाते है सितारे रात थोरी रह गई











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